आज हम बात करेंगे एक ऐसी फिल्म की जो 1990 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को जस का तस दिखाती है। यह फिल्म “The kashmir files” कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की सच्ची घटना को दर्शाती है। इस फिल्म को बॉलीवुड की घटिया ग्लैमर की चादर मे लपेटे बिना हूबहू बनाया गया है।
जो की आपके रोंगटे खड़े कर देगा व आपके दिल को चीरकर आपको दुख और पश्चाताप से भर देगा, कि हमारे ही देश के एक हिस्से में कश्मीरी पंडितों पर इतना निर्मम अत्याचार हुआ, उनका जेनोसाइड हुआ और हमारी सरकारें, मीडिया और इतिहासकारों ने उसे एक पलायन की घटना बता कर भुला दिया।
किस तरह एक साजिश के तहत हमारी आने वाली पीढ़ियों को कश्मीरी पंडितों के नरसंहार से वंचित रखा गया।
इसको उसी प्रकार दबाने का षड्यंत्र रचा गया जिस प्रकार 100 साल पहले मोपला में हिन्दूओं पर हुए नरसंहार को, अगस्त 1946 को बंगाल में डायरेक्ट एक्शन डे पर हुए हिंदू नरसंहार को और 1948 में गांधी हत्या के बाद हुए चितपावन ब्राह्मण नरसंहार को दबाने की कोशिश की गयी थी।
खुद को समाज का आइना बताने वाली फिल्म इंडस्ट्री ने इसपर कोई भी सच्ची फिल्म नहीं बनाई है,क्यों अंडरवर्ल्ड डॉन, माफिया व अपराधियों को ग्लैमराइज़ करके उनपर फिल्में बनाने वाली बॉलीवुड ने कभी भी इन कश्मीरी पंडितों की सच्चाई दिखाना तो छोड़िए सुन्ना भी जरूरी नहीं समझा और जब बॉलीवुड के मूवी माफियाओं को चेलेंज करते हुए नेशनल अवार्ड विजेता विवेक अग्निहोत्री जैसे निदेशक ने The kashmir files में कश्मीरी पंडितों का दर्द बयां किया तो कैसे बॉलीवुड माफिया और अर्बांनक्शल जिहादियों का इकोसिस्टम इस सच को दबाने के लिए खड़ा हो गया।
आपको बता दें की इस फिल्म के रिलीज़ से पहले इसको रिलीज़ न होने देने कि साजिश की जा रही थी।इस फिल्म के अगेंस्ट बहुत सी PIL फाइल की गई लकिन वो कहते है ना सच्चाई कभी छुपती या झुकती नहीं है।
मेने इस फिल्म को देखा और देखने के बाद मुझे लगा कि इस फिल्म को हर एक भारतीय को देखना चाहिए ताकि आपको भी पता चले कि 1990 में कश्मीरी पंडितो के साथ क्या हुआ और कैसे 89 कश्मीरी पंडितों को खुले आम गोली मार दी गयी थी जिनमें छोटे छोटे मासूम बच्चे भी थे और उनको अपना ही घर छोड़कर वहां से चले जाने के लिए मजबूर किया गया।
बता दें कि फिल्म में कोई बड़ा स्टार नहीं है। इसमें अनुपम खेर के अलावा मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी, पुनीत इस्सर, मृणाल कुलकर्णी समेत कई कलाकार लीड रोल में हैं। ‘द कश्मीर फाइल्स’ में कश्मीरी पंडितों की उस वक्त की कहानी को दिखाया गया है जब 90 के दशक में उन्हें अपने ही राज्य से निकाल दिया गया था। फिल्म को अभिषेक अग्रवाल ने प्रोड्यूस किया है।
‘द कश्मीर फाइल्स’को सबसे पहले हरियाणा में टैक्स फ्री किया गया। इसके बाद मध्य प्रदेश, गुजरात, कनार्टक, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गोवा और त्रिपुरा में भी फिल्म को टैक्स फ्री किया जा चुका है। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) की तारीफ की थी। पीएम मोदी ने फिल्म की टीम से मुलाकात करते हुए उन्हें इसके लिए बधाई दी थी। बाद में डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने पीएम मोदी के साथ टीम की एक फोटो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी।
पहले दिन फिल्म को पूरे देश में महज 550 स्क्रीन ही मिली थीं, लेकिन रविवार तक फिल्म के लिए दर्शकों की दीवानगी को देखते हुए स्क्रीन बढ़ाकर 2000 कर दी गईं। हर शहर में फिल्म के शो भी दोगुने से ज्यादा किए गए। लगभग 12 करोड़ की लागत में बिना किसी बड़े स्टार के ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) ने 27 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस कर लिया है।
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